Aaradhana Har Haal Mein / आराधना हर हाल में Christian Song Lyrics
Song Credits:
Lyrics : Iyob Mavchi & Dilip Gavit
Lead Vocals: Iyob Mavchi, Snehal Elpas Backing
vocals: Ashish George, Evan Abraham, Kevin Robin, Liza Samarth, Dency Daniel, Anne Marie, Sahil Gavit, Christine John, Blessy Michael
Music Producer : Shalom Naik
Lyrics:
[ आराधना करूं समर्पित जीवन से
सारे मन से, सारे तन से, पवित्र आत्मा से ]|2|
[ आराधना मेरे यीशु की
आराधना हर हाल में ]|2|
1
[ कष्टों के बीच में, मुसीबतों में
संकट के समयों में, तेरी आराधना ]|2|
[ आराधना मेरे यीशु की
आराधना हर हाल में ]|2|
2
[ अंधेरी राहों में, गहरी तराई में
दुःखों के समयों में, तेरी आराधना ]|2|
[ आराधना मेरे यीशु की
आराधना हर हाल में ]|4|
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आराधना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान या गीत गाने का कार्य नहीं है, बल्कि यह विश्वास, प्रेम और समर्पण की वह अवस्था है जहाँ एक विश्वासी अपने पूरे जीवन को प्रभु यीशु मसीह के चरणों में अर्पित करता है। हिंदी मसीही गीत *"आराधना हर हाल में"* इसी गहन सच्चाई को उजागर करता है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि आराधना केवल सुख के समयों में ही नहीं, बल्कि दुख, पीड़ा, अंधकार और संकट की घड़ी में भी करनी चाहिए। यही असली आराधना है — जब हमारी आत्मा किसी भी परिस्थिति में प्रभु की महिमा करने से पीछे नहीं हटती।
1. सम्पूर्ण समर्पण की आराधना
गीत की पहली पंक्तियाँ कहती हैं –
*"आराधना करूं समर्पित जीवन से, सारे मन से, सारे तन से, पवित्र आत्मा से"*।
यहाँ तीन पहलुओं का उल्लेख है – मन, तन और आत्मा। बाइबल हमें सिखाती है कि हमें परमेश्वर से **"अपने सारे मन, अपनी सारी आत्मा और अपनी सारी शक्ति से प्रेम करना है" (व्यवस्था विवरण 6:5)**। यही गीत का मूल आधार है। जब आराधना केवल शब्दों या धुन तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पूरे जीवन का हिस्सा बन जाती है, तब वह सच्ची और जीवित आराधना कहलाती है।
2. कष्टों और मुसीबतों के बीच आराधना
गीत में आगे कहा गया है –
*"कष्टों के बीच में, मुसीबतों में, संकट के समयों में, तेरी आराधना"*।
मनुष्य का स्वभाव है कि सुख में वह परमेश्वर को धन्यवाद देता है, लेकिन दुःख के समय शिकायत करता है। परंतु प्रभु हमें बुलाते हैं कि हम हर परिस्थिति में कृतज्ञ रहें। प्रेरित पौलुस लिखते हैं – *"हर बात में धन्यवाद करो, क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है" (1 थिस्सलुनीकियों 5:18)*।
सच्चा भक्त वही है जो आँसुओं में भी गीत गा सके, तूफानों में भी आराधना कर सके और कठिनाईयों में भी प्रभु पर भरोसा रख सके।
3. अंधकारमय राहों में भी आराधना
गीत की दूसरी कड़ी कहती है –
*"अंधेरी राहों में, गहरी तराई में, दुःखों के समयों में, तेरी आराधना"*।
जीवन की राहें हमेशा उजली नहीं होतीं। कई बार हमें गहरी तराइयों से होकर गुजरना पड़ता है। दाऊद भजन संहिता 23:4 में कहता है – *"चाहे मैं घोर अंधकार की तराई से होकर चलूँ, तौभी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ है।"*
यह विश्वास हमें प्रेरित करता है कि जब सबकुछ अंधकारमय दिखे, तब भी प्रभु हमारे साथ हैं। इसलिए अंधेरे में भी आराधना करना केवल विश्वास का प्रमाण ही नहीं, बल्कि हमारी आत्मा का सामर्थ्य है।
4. आराधना का फल
आराधना केवल गाना या स्तुति करना नहीं है, यह हमारे जीवन को बदल देती है। जब हम हर हाल में आराधना करते हैं, तो –
* हमारी आत्मा में शांति भर जाती है (यूहन्ना 14:27)।
* हम भय से मुक्त होते हैं क्योंकि परमेश्वर की उपस्थिति हमें ढक लेती है।
* आराधना के द्वारा हमारी दृष्टि समस्याओं से हटकर परमेश्वर पर टिक जाती है।
* यह हमें आध्यात्मिक युद्ध में सामर्थ्य देती है। पौलुस और सीलास ने जेल की कोठरी में आधी रात को भजन गाया और प्रभु ने चमत्कार किया (प्रेरितों के काम 16:25–26)।
5. हर हाल में आराधना – विश्वास की पहचान
इस गीत का मुख्य संदेश यही है – *"आराधना मेरे यीशु की, आराधना हर हाल में"*।
हर हाल में आराधना करना आसान नहीं है। जब जीवन में संकट हो, बीमारी हो, रिश्तों में टूटन हो या आर्थिक कठिनाई हो, तब प्रभु की स्तुति करना विश्वास की सबसे बड़ी परीक्षा होती है। परन्तु यही परीक्षा हमें परमेश्वर के और निकट लाती है।
अय्यूब का जीवन इसका उत्तम उदाहरण है। उसने सबकुछ खोने पर भी कहा – *"यहोवा ने दिया और यहोवा ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है" (अय्यूब 1:21)*। यही वास्तविक आराधना है – परिस्थितियों से परे, प्रभु की उपस्थिति और सामर्थ्य में विश्वास करना।
6. आराधना का सामूहिक आयाम
गीत में केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक आराधना का भी भाव है। अनेक गायक और स्वर इस गीत में सम्मिलित हैं। यह दिखाता है कि आराधना व्यक्तिगत अनुभव होने के साथ-साथ एक सामूहिक कलीसिया का अनुभव भी है। जब विश्वासी मिलकर प्रभु की आराधना करते हैं, तो आत्मा का सामर्थ्य और भी बढ़ता है।
निष्कर्ष
"आराधना हर हाल में" गीत हमें यह सिखाता है कि आराधना केवल अच्छे समय की आदत नहीं, बल्कि विश्वास का गहरा प्रमाण है। यह गीत हमें प्रेरित करता है कि –
* हम अपने सम्पूर्ण मन, आत्मा और तन से प्रभु को अर्पित करें।
* हम कठिनाइयों और अंधकार में भी प्रभु की स्तुति करें।
* आराधना को अपने जीवन का आधार बनाएँ, ताकि हर परिस्थिति में प्रभु का नाम महिमा पाए।
यही सच्चा आराधक है – जो हर हाल में, हर समय और हर परिस्थिति में अपने यीशु की आराधना करता है।

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