Adbhut Naam / अदभुत नाम Hindi Christian Song Lyrics

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Adbhut Naam / अदभुत नाम Christian Song Lyrics

Song Credits:

English Words and music by Ben Fielding and Brooke Ligertwood Translation: Elvina Abraham, Shifa Paul Mathews, Snehal Elpass Lead Vocal: Elvina Abraham Backing Vocals: Beulah Ann Blessen, Sara Paul Mathews, Shifa Paul Mathews, Snehal Elpas, Suzy Paul Mathews Music Producer: Shalom Naik Electric Guitar: Snehal Gamit Drums & Percussion: Benjamin Mathew Mixed & Mastered by Shalom Naik at Eternity Studios, Udaipur Vocals recorded by Vinod Vasave at Eternity Studios, Udaipur.

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Lyrics:

Verse 1


आदि में वचन तू ही था

जो प्रभु के साथ में था

महिमा तेरी इस सृष्टि में

यीशु तुझ ही में प्रकट हुई


Chorus 1

कितना सुन्दर नाम है वह

मेरे यीशु राजा का वह नाम

कितना सुन्दर नाम है वह

न है कोई उसके समान

कितना सुन्दर नाम है वह

यीशु मसीह का


Verse 2

राज्य हममें उसने चाहा

स्वर्ग ले आया धरती पर

पाप से बढ़कर था उसका प्यार

अब न कोई अलग कर सके


Chorus 2

कितना अद्भुत नाम है वह

मेरे यीशु राजा का वह नाम

कितना अद्भुत नाम है वह

न है कोई उसके समान

कितना अद्भुत नाम है वह

यीशु मसीह का


Bridge

उसे मृत्यु न रोक सकी, झुकी वह सामने

शान्त किया पाप और कब्र को

स्वर्ग भी ललकारे स्तुति महिमा में

क्योंकि यीशु है जी उठा

न कोई तुझसा, न है बराबर

अब और सदा तक राज तू करे

राज्य है तेरा, महिमा भी तेरी

तेरा ही नाम सबसे ऊँचा


Chorus 3

क्या ही सामर्थी नाम है वह

मेरे यीशु राजा का वह नाम

क्या ही सामर्थी नाम है वह

न है कोई उसके समान

कितना सामर्थी नाम है वह

यीशु मसीह का


न कोई तुझसा...x2

तेरा ही नाम ही सबसे ऊंचा x2

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Full Video Song On Youtube:


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👉The divine message in this song👈

"*अद्भुत नाम*" नामक यह भक्ति गीत मूल रूप से अंग्रेज़ी में लिखा गया “What a Beautiful Name” का हिंदी रूपांतरण है, जिसे विश्वभर में करोड़ों मसीही विश्वासी गाते हैं। इस गीत की हिंदी व्याख्या करते समय हमें ध्यान देना होगा कि यह गीत न केवल येशु के नाम की सुंदरता, अद्भुतता और सामर्थ्य का गुणगान करता है, बल्कि हमें यह भी याद दिलाता है कि येशु का नाम हर नाम से ऊँचा है (फिलिप्पियों 2:9-11)। इस व्याख्या में हम इस गीत की प्रत्येक पंक्ति को बाइबिलीय संदर्भ में समझेंगे।

1. *प्रारंभिक पद: येशु - आदि में वचन*

*"आदि में वचन तू ही था, जो प्रभु के साथ में था"*

यह पंक्ति सीधे *यूहन्ना 1:1* पर आधारित है —

*"आदि में वचन था, वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।"*

यह हमें स्मरण कराता है कि येशु केवल एक शिक्षक या नबी नहीं, बल्कि वह सृष्टि के आरंभ से ही परमेश्वर के साथ विद्यमान "वचन" हैं। येशु के द्वारा ही सारी सृष्टि की रचना हुई (यूहन्ना 1:3)।

*"महिमा तेरी इस सृष्टि में, यीशु तुझ ही में प्रकट हुई"*

बाइबिल में लिखा है — *"वचन देहधारी हुआ और हमारे बीच वास किया।"* (यूहन्ना 1:14)। इस पंक्ति में यही बताया गया है कि येशु के जीवन, कार्यों और बलिदान के द्वारा परमेश्वर की महिमा इस संसार में प्रकट हुई।

 2. *Chorus 1 – सुंदर नाम का गुणगान*

*"कितना सुन्दर नाम है वह, मेरे यीशु राजा का"*

इसमें येशु के नाम की सुंदरता की बात की गई है। सुंदरता केवल ध्वनि या उच्चारण की नहीं, बल्कि उस नाम के पीछे छिपी दिव्यता, प्रेम और अनुग्रह की है। *भजन संहिता 27:4* कहती है — *"मैं प्रभु की शोभा पर मनन करूंगा..."*

*"न है कोई उसके समान"*

बाइबिल में कई बार स्पष्ट किया गया है कि येशु अद्वितीय हैं — *"न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर और कोई नाम नहीं दिया गया जिससे हम उद्धार पाएं।"* (प्रेरितों 4:12)

3. *Verse 2 – उद्धार की योजना*

*"राज्य हममें उसने चाहा, स्वर्ग ले आया धरती पर"*

इसमें बताया गया है कि येशु ने हमें परमेश्वर के राज्य में प्रवेश देने के लिए स्वर्ग को छोड़ धरती पर अवतरण किया। *मत्ती 6:10* में प्रभु प्रार्थना में कहा गया — *"तेरा राज्य आए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में होती है वैसे पृथ्वी पर भी हो।"*

*"पाप से बढ़कर था उसका प्यार, अब न कोई अलग कर सके"*

*रोमियों 8:38-39* कहता है — *"कोई भी वस्तु हमें मसीह के प्रेम से अलग नहीं कर सकती।"* येशु ने अपने बलिदान से वह प्रेम दिखाया जो पाप से भी बड़ा है।

4. *Chorus 2 – अद्भुत नाम की व्याख्या*

*"कितना अद्भुत नाम है वह, यीशु मसीह का"*

“अद्भुत” शब्द का अर्थ है – अलौकिक, चमत्कारी, जो सामान्य से परे है। यशायाह 9:6 में येशु को *“अद्भुत परामर्शदाता (Wonderful Counselor)”* कहा गया है। उनका नाम हमारे लिए चमत्कार और आश्चर्य का स्रोत है।

 5. *Bridge – येशु की विजय का उद्घोष*

*"उसे मृत्यु न रोक सकी..."*

यह गीत येशु के पुनरुत्थान पर आधारित है। *1 कुरिंथियों 15:55-57* कहता है —

*"हे मृत्यु, तेरी जीत कहाँ रही? धन्यवाद परमेश्वर को, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जय देता है।"*

*"स्वर्ग भी ललकारे स्तुति महिमा में"*

*प्रकाशितवाक्य 5:12* में लिखा है कि स्वर्गदूत येशु को *"बलवान, बुद्धिमान, और महिमा योग्य"* कहकर स्तुति करते हैं।

*"राज्य है तेरा, महिमा भी तेरी"*

*मत्ती 6:13* में प्रभु प्रार्थना के अंत में हम कहते हैं — *"क्योंकि राज्य, सामर्थ और महिमा सदा तेरी है।"*

*"तेरा ही नाम सबसे ऊँचा"*

*फिलिप्पियों 2:9-11* —

*"परमेश्वर ने उसे बहुत ऊँचा किया, और ऐसा नाम दिया जो सब नामों से श्रेष्ठ है।"*

6. *Chorus 3 – सामर्थी नाम की प्रशंसा*

*"क्या ही सामर्थी नाम है वह"*

इस अंतिम चरण में हम येशु के नाम की **सामर्थ** को स्वीकार करते हैं — यह नाम चंगाई लाता है, बंधनों को तोड़ता है, और जीवन में विजय देता है।

*"अद्भुत नाम"* गीत केवल संगीत नहीं, बल्कि विश्वास की एक गंभीर घोषणा है। यह हमें स्मरण कराता है कि येशु मसीह का नाम न केवल सुंदर और अद्भुत है, बल्कि सामर्थी भी है। यह नाम हमें उद्धार, शांति, आशा, और अनंत जीवन का द्वार खोलता है। इस गीत को जब हम गाते हैं, हम सिर्फ गीत नहीं गा रहे — हम साक्षी दे रहे हैं उस नाम की महिमा का जो मृत्यु पर जय पाकर हमें भी विजयी बनाता है।

इस गीत का हर छंद और कोरस यीशु मसीह के नाम की **महिमा, सामर्थ्य और सौंदर्य** को प्रकट करता है। आइए इस गीत के शेष भागों का विस्तार से बाइबल आधारित विश्लेषण करें:

 ❖ *Bridge (सेतु) व्याख्या:*

> *“उसे मृत्यु न रोक सकी, झुकी वह सामने

> शान्त किया पाप और कब्र को

> स्वर्ग भी ललकारे स्तुति महिमा में

> क्योंकि यीशु है जी उठा”*

यह हिस्सा सीधे *यीशु मसीह के पुनरुत्थान* पर आधारित है। बाइबल कहती है:

> *"परन्तु परमेश्वर ने उसे मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया, क्योंकि उसके पकड़े रहने की सम्भावना न थी।"* – प्रेरितों के काम 2:24

यीशु की मृत्यु केवल एक बलिदान नहीं थी, वह मृत्यु पर भी विजय लेकर कब्र से जी उठा। यह पाप और मृत्यु के ऊपर *पूर्ण विजय* की घोषणा है।

> *“न कोई तुझसा, न है बराबर

> अब और सदा तक राज तू करे

> राज्य है तेरा, महिमा भी तेरी

> तेरा ही नाम सबसे ऊँचा”*


यह पंक्तियाँ *यीशु की प्रभुता और सर्वोच्चता* को दर्शाती हैं। कोई उसके तुल्य नहीं है – न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर।

> *“इस कारण परमेश्वर ने उसे भी अति महान किया, और उसे वह नाम दिया जो सब नामों से श्रेष्ठ है।”* – फिलिप्पियों 2:9

यीशु केवल एक राजा नहीं, वह *सर्वोच्च राजा* हैं, जिनका राज्य और महिमा अनंत है।

❖ *Chorus 3 – “क्या ही सामर्थी नाम है वह...”*

यह अंतिम कोरस इस बात पर बल देता है कि यीशु का नाम केवल सुंदर या अद्भुत ही नहीं, बल्कि *सामर्थी (Powerful)* भी है।

> *“प्रभु के नाम का स्मरण एक दृढ़ गढ़ है, धर्मी उस में भाग कर सुरक्षित होता है।”* – नीतिवचन 18:10

यीशु का नाम शत्रु के डर को भगाता है, रोगियों को चंगा करता है, टूटे हुए हृदयों को चंगा करता है, और आत्मा को शांति देता है। उसका नाम केवल उच्चारण मात्र से विश्वासियों को **शक्ति, दिलासा और उद्धार** प्रदान करता है।

❖ *निष्कर्ष:*

“*Adbhut Naam (अदभुत नाम)*” गीत केवल एक भावनात्मक अभिव्यक्ति नहीं, यह एक गहरा आत्मिक और बाइबल आधारित साक्ष्य है कि यीशु मसीह:

* आरंभ और अंत हैं (प्रकाशितवाक्य 22:13),

* सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता हैं (यूहन्ना 1:1–4),

* प्रेम और अनुग्रह का स्रोत हैं (रोमियों 5:8),

* और उनका नाम हर घुटने को झुकाने योग्य है (फिलिप्पियों 2:10–11)।

इस गीत को गाते समय एक विश्वास रखने वाले के लिए यह सिर्फ एक मेलोडी नहीं, बल्कि *आराधना*, *घोषणा*, और *विजय* का उद्घोष है। यह हमें याद दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं — हम उस अद्भुत, सुंदर और सामर्थी नाम के साथ हैं, जो हमें कभी नहीं छोड़ता।

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