Karu Tera Dhanyawad / करु तेरा धन्यवद Christian Song Lyrics
Song Credits:
Lyrics: Hephzibah N Daniel
Composition: Jibu Shaji Mathew
Vocals: Hephzibah N Daniel & Jibu Shaji Mathew
Piano: Sijo Sibi
Flute: Joseph Fernandis
Guitar, Mixing & Mastering: Ashay Raut
Lyrics:
Aankhon ki Putli Jaise Sambhala Mujhe
Harr Dafa Bikharne se, Bachaya Mujhe
Meri Rooh ko Naash Tu Hone Na Di
Aur Tune Uski Rakhwali Ki
Chorus:
Karu Tera Dhanyavad
Dhanyawad ke Yogya,
Stuti, Stuti ke Yogya,
Prashansa, Prashansa ke Yogya
Tu Mere Khuda
Bridge:
Tere Lafzo Ne Mujhko Satark Hai Kiya
Teri Khushbu Toh Mere Saath Hi Rahi
हिंदी
आँखों की पुतली जैसी संभाल मुझे
हर्र दफा बिखरने से, बचाया मुझे
मेरी रूह को नाश तू होने ना दी
और तूने उसकी रखवाली की
सहगान:
करु तेरा धन्यवद
धन्यवाद के योग्य,
स्तुति, स्तुति के योग्य,
प्रश्न, प्रश्न के योग्य
तू मेरे खुदा
पुल:
तेरे लफ़्ज़ों ने मुझको सतर्क किया है
तेरी खुशबू तो मेरे साथ ही रही
+++ ++++ +++
Full Video Song On Youtube;
📌(Disclaimer):
All rights to lyrics, compositions, tunes, vocals, and recordings shared on this website belong to their original copyright holders.
This blog exists solely for spiritual enrichment, worship reference, and non-commercial use.
No copyright infringement is intended. If any content owner wishes to request removal, kindly contact us, and we will act accordingly.
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👉The divine message in this song👈
गीत का सार
“करूँ तेरा धन्यवाद” एक कृतज्ञता और आराधना का गीत है। इसमें एक विश्वासी का हृदय अपने परमेश्वर के सामने झुक कर कहता है कि – "तूने मुझे हर बार संभाला, टूटने से बचाया, मेरी आत्मा की रक्षा की, इसलिए तू धन्यवाद के योग्य है।"
यह गीत हमें स्मरण कराता है कि जीवन के हर क्षण – चाहे वह दुख का हो या सुख का – हम परमेश्वर को धन्यवाद देने के लिए बुलाए गए हैं।
1. परमेश्वर का सुरक्षा वचन
गीत की शुरुआती पंक्तियाँ –
“आँखों की पुतली जैसे संभाला मुझे, हर दफा बिखरने से बचाया मुझे” –
सीधे बाइबल के वचन (व्यवस्थाविवरण 32:10, भजन संहिता 17:8) से प्रेरित हैं। परमेश्वर अपने बच्चों को आँख की पुतली के समान संभालते हैं। जिस प्रकार कोई मनुष्य अपनी आँख की पुतली की रक्षा करने में कभी ढिलाई नहीं करता, उसी प्रकार परमेश्वर अपने बच्चों को हर संकट और टूटन से बचाते हैं।
2. आत्मा की रक्षा
गीत आगे कहता है –
“मेरी रूह को नाश तू होने न दी, और तूने उसकी रखवाली की।”
यहाँ गायक स्वीकार करता है कि जीवन के संघर्ष, प्रलोभन और पाप हमें नष्ट कर सकते थे, परन्तु परमेश्वर ने स्वयं हमारी आत्मा की रक्षा की। यह उस अदृश्य युद्ध की ओर संकेत है जिसमें परमेश्वर हमें शैतान के जाल से बचाते हैं। (1 पतरस 1:5 – “तुम विश्वास के द्वारा परमेश्वर की शक्ति से उद्धार के लिए रखे जाते हो।”)
3. धन्यवाद के योग्य परमेश्वर
मुखड़ा (Chorus) पूरे गीत का केंद्र है –
“करूँ तेरा धन्यवाद, धन्यवाद के योग्य, स्तुति, स्तुति के योग्य, प्रशंसा, प्रशंसा के योग्य तू मेरे खुदा।”
यहाँ हमें तीन बातें स्पष्ट दिखाई देती हैं:
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धन्यवाद – जीवन की हर परिस्थिति में परमेश्वर का आभार मानना। (1 थिस्सलुनीकियों 5:18)
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स्तुति – उसकी महानता का गुणगान करना।
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प्रशंसा – उसके कार्यों को मानकर उसे महिमा देना।
यानी परमेश्वर केवल इसलिए योग्य नहीं हैं कि उन्होंने हमें आशीषें दीं, बल्कि इसलिए भी योग्य हैं क्योंकि वह हमारे परमेश्वर हैं।
4. परमेश्वर का वचन – मार्गदर्शक
गीत का पुल (Bridge) कहता है –
“तेरे लफ़्ज़ों ने मुझको सतर्क किया है।”
यह सीधा इस बात की ओर इंगित करता है कि परमेश्वर का वचन हमें अंधकार में दीपक और हमारे मार्ग के लिए ज्योति है (भजन संहिता 119:105)। उसका वचन हमें गलत राह से बचाकर चेतावनी देता है और हमें जीवन में सही दिशा प्रदान करता है।
5. परमेश्वर की उपस्थिति की सुगंध
गीत में एक अद्भुत पंक्ति आती है –
“तेरी खुशबू तो मेरे साथ ही रही।”
यह एक काव्यात्मक और आध्यात्मिक अभिव्यक्ति है। परमेश्वर की उपस्थिति को यहाँ खुशबू कहा गया है। जैसे किसी स्थान पर सुगंध बनी रहती है, वैसे ही परमेश्वर की उपस्थिति एक विश्वासी के जीवन में हर समय बनी रहती है। यह हमें मसीह की सुगंध (2 कुरिन्थियों 2:15) की याद दिलाता है।
6. गीत की आध्यात्मिक महत्ता
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यह गीत हमें सिखाता है कि आभार केवल किसी विशेष समय का भाव नहीं है, बल्कि जीवन का स्थायी दृष्टिकोण होना चाहिए।
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यह याद दिलाता है कि हमारी हर साँस परमेश्वर की देन है।
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यह हमें संकट में भी स्तुति करना सिखाता है, क्योंकि परमेश्वर बदलते हालातों से नहीं बदलते।
7. उपासना में उपयोग
“करूँ तेरा धन्यवाद” गीत चर्च की आराधना सभाओं में गाने योग्य है।
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यह मंडली को एक स्वर में परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने में मदद करता है।
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यह व्यक्तिगत प्रार्थना समय में भी आत्मा को कृतज्ञता और शांति से भर देता है।
8. आज के समय में प्रासंगिकता
आज की व्यस्त और समस्याओं से भरी दुनिया में लोग जल्दी शिकायत करते हैं, निराश हो जाते हैं। लेकिन यह गीत हमें एक अलग जीवनशैली सिखाता है – “धन्यवाद की जीवनशैली”।
जब हम हर परिस्थिति में धन्यवाद करना शुरू करते हैं, तो हमारे हृदय में शांति और संतोष भर जाता है। यह गीत हमें वही अभ्यास करने में मदद करता है।
9. संदेश का निष्कर्ष
“करूँ तेरा धन्यवाद” गीत हमें तीन मुख्य सच्चाइयों पर केंद्रित करता है:
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परमेश्वर हमारी रक्षा करता है और हमें कभी नष्ट होने नहीं देता।
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वह धन्यवाद, स्तुति और प्रशंसा के योग्य है।
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उसका वचन और उपस्थिति हमारे जीवन में हमेशा साथ है।
✨ अंतिम विचार
यह गीत केवल एक संगीत नहीं है, बल्कि एक प्रार्थना, एक स्वीकारोक्ति और एक गवाही है। यह गायक के निजी अनुभव से निकला है, लेकिन हर विश्वासी का अनुभव भी बन सकता है। जब हम इसे गाते हैं, तो हम यह स्वीकार करते हैं कि –
"हे प्रभु, तू ही मेरी रक्षा है, तू ही मेरी आशा है और तू ही धन्यवाद, स्तुति और प्रशंसा के योग्य है।"
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