MERA YE JEEVAN “समर्पण” Christian Song Lyrics
Song Credits:
Music by John Samuel R Musicals, Bhadravathi
Ashish Fellowship AG Church
peter nayak
Lyrics:
[ Mera yeh jivan, tere kaam aye
Karti hu samarpan, tere liye ]|2|
[ Tu shuddh kar, pavitr kar
Tu mujhko bana, mere prabhu..]|2||Mera yeh jivan||
1. [ Teri iccha par mei chalu Teri marzi puri karu ]|2|
[ Chahe asu pina pade toh Chahe dukh sehana pade toh
Ha mei tayyar hu ]|2||Mera yeh jivan||
2. [ Yeshu mujh mei, mei yeshu mei Sada bani rahu ]|2|
[ Yeshu me bankar falo ko lavu ]|2|
[ Pita ki mahima karu ]|2||Mera yeh jivan||
Hindi
[ मेरा ये जीवन, तेरे काम ऐ करती हूं समर्पण, तेरे लिए ]|2|
[ तू शुद्ध कर, पवित्र कर तू मुझको बना, मेरे प्रभु.]|2||मेरा ये जीवन||
1.[ तेरी इच्छा पर में चालू तेरी मर्जी पूरी करू ]|2|
[ चाहे असु पिना पड़े तो चाहे दुख सहना पड़े तो
हा में तैयार हूं ]|2||मेरा ये जीवन||
2.[ येशु मुझ में, मेई येशु में सदा बनी रहु ]|2|
[ येशु में बनकर फलो को लवु ]|2|
[ पिता की महिमा करु ]|2||मेरा ये जीवन||
+++++ ++++ ++
Full Video Song On Youtube:
📌(Disclaimer):
All rights to lyrics, compositions, tunes, vocals, and recordings shared on this website belong to their original copyright holders.
This blog exists solely for spiritual enrichment, worship reference, and non-commercial use.
No copyright infringement is intended. If any content owner wishes to request removal, kindly contact us, and we will act accordingly.
All rights to lyrics, compositions, tunes, vocals, and recordings shared on this website belong to their original copyright holders.
This blog exists solely for spiritual enrichment, worship reference, and non-commercial use.
No copyright infringement is intended. If any content owner wishes to request removal, kindly contact us, and we will act accordingly.
👉The divine message in this song👈
ईसाई जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि हमारा सम्पूर्ण जीवन प्रभु को समर्पित हो। “मेरा ये जीवन” गीत इसी सच्चाई को आत्मा से प्रकट करता है। इस गीत में विश्वास का एक गहरा संदेश छिपा है – जब हम प्रभु को अपना जीवन अर्पित करते हैं, तब वही जीवन सार्थक बन जाता है।
1. जीवन का उद्देश्य – प्रभु की महिमा
गीत के प्रथम ही शब्दों में गायिका/गायक कहता है:
*“मेरा ये जीवन तेरे काम आए, करती हूँ समर्पण तेरे लिए।”*
यह पंक्ति इस बात को स्पष्ट करती है कि मनुष्य का जीवन अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि परमेश्वर की योजना और उसके कार्य के लिए है। बाइबल कहती है:
👉 *रोमियों 12:1* – “अपने शरीरों को जीवित, पवित्र और परमेश्वर को भानेवाला बलिदान करके अर्पण करो; यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।”
जब एक विश्वासी अपने जीवन को ईश्वर की इच्छा पर अर्पित करता है, तभी वह जीवन वास्तविक आराधना बन जाता है।
2. शुद्ध और पवित्र होने की प्रार्थना
गीत की अगली पंक्ति:
*“तू शुद्ध कर, पवित्र कर; तू मुझको बना मेरे प्रभु।”*
यहाँ एक आत्मा की पुकार है। मनुष्य अपने बल से पवित्र नहीं बन सकता। पाप से गिरा हुआ जीवन केवल मसीह के लहू से ही शुद्ध हो सकता है।
👉*1 यूहन्ना 1:9* – “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह विश्वासयोग्य और धर्मी है कि हमारे पाप क्षमा करे और हमें सब अधर्म से शुद्ध करे।”
इस गीत में यही सत्य दोहराया गया है कि प्रभु ही शुद्ध करता है, वही पवित्र करता है और वही हमें एक योग्य पात्र बनाता है।
3. प्रभु की इच्छा में चलना
गीत कहता है:
*“तेरी इच्छा पर मैं चलूँ, तेरी मर्जी पूरी करूँ।”*
यही एक ईसाई जीवन का वास्तविक लक्ष्य है। हम अपने योजनाओं में नहीं, बल्कि प्रभु की इच्छा में चलें। यीशु ने भी अपने जीवन में यही उदाहरण दिया –
👉 *मत्ती 26:39* – “हे मेरे पिता, यदि हो सके तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।”
परमेश्वर की इच्छा में चलना कई बार आसान नहीं होता। इसमें आँसू भी पीने पड़ सकते हैं और दुख भी सहना पड़ सकता है। लेकिन यही विश्वास का मार्ग है। गीत इस सत्य को दृढ़तापूर्वक स्वीकार करता है।
4. दुःख और आँसू को स्वीकार करना
गीत की एक पंक्ति है:
*“चाहे आँसू पीना पड़े तो, चाहे दुख सहना पड़े तो, हाँ मैं तैयार हूँ।”*
यह पंक्ति हमें प्रेरित पौलुस की गवाही याद दिलाती है, जिसने कहा:
👉 *फिलिप्पियों 1:29* – “क्योंकि मसीह के कारण तुम्हें केवल उस पर विश्वास करने का ही नहीं, वरन् उसके लिए दुःख उठाने का भी वरदान मिला है।”
ईसाई जीवन में दुःख कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि मसीह के साथ एक सहभागिता है। जब हम समर्पित रहते हैं, तब हम दुःख को भी आशीष के रूप में स्वीकार करते हैं।
5. मसीह में बने रहना
गीत कहता है:
*“येशु मुझ में, मैं येशु में, सदा बनी रहूँ।”*
यह बाइबल के सबसे गहरे सत्यों में से एक है। मसीह केवल हमारे बाहर का सहायक नहीं, बल्कि हमारे भीतर निवास करने वाला है।
👉 *यूहन्ना 15:4-5* – “मुझ में बने रहो और मैं तुम में। जैसे डाल अंगूर की बेल में बने बिना अपने आप फल नहीं ला सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में न बने रहो तो नहीं। मैं दाखलता हूँ; तुम डालियाँ हो। जो मुझ में बना रहता है और मैं उस में, वही बहुत फल लाता है।”
समर्पण का असली अर्थ यही है कि हम मसीह में स्थिर रहें।
6. फल लाने वाला जीवन
गीत आगे कहता है:
*“येशु में बनकर फलों को लाऊँ।”*
एक सच्चे विश्वासी का जीवन फलहीन नहीं होता। पवित्र आत्मा हमारे जीवन में आत्मिक फल उत्पन्न करता है – प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम।
👉 *गलातियों 5:22-23* – “पर आत्मा का फल है – प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम।”
जब हम प्रभु को जीवन समर्पित करते हैं, तब उसका प्रतिफल केवल हमारे लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी आशीष बन जाता है।
7. पिता की महिमा करना
गीत का अन्तिम संदेश है:
*“पिता की महिमा करूँ।”*
यीशु का भी यही लक्ष्य था – हर कार्य में पिता की महिमा करना।
👉 *यूहन्ना 17:4* – “मैंने वह काम पूरा किया जो तूने मुझे करने को दिया था, इस से मैं ने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है।”
हमारा जीवन भी तभी सार्थक होगा जब उसमें परमेश्वर की महिमा प्रकट होगी। जब हम समर्पित होकर जीवन बिताते हैं, तब हर छोटा कार्य भी पिता की महिमा का साधन बनता है।
8. गीत का व्यावहारिक संदेश
यह गीत केवल गाने के लिए नहीं, बल्कि जीने के लिए है। इसमें हमें निम्न संदेश मिलते हैं:
* जीवन का सम्पूर्ण उद्देश्य प्रभु की सेवा है।
* पवित्रता और शुद्धता केवल मसीह से मिलती है।
* दुःख और आँसू भी समर्पण का हिस्सा हैं।
* मसीह में बने रहना ही फलदायी जीवन का रहस्य है।
* अन्ततः हर कार्य पिता की महिमा के लिए होना चाहिए।
निष्कर्ष
“*मेरा ये जीवन – समर्पण*” एक साधारण गीत नहीं, बल्कि एक आत्मिक प्रतिज्ञा है। जब कोई विश्वासी इसे गाता है, तो वह कहता है कि उसका सम्पूर्ण जीवन प्रभु को समर्पित है। यह गीत हमें चुनौती देता है कि हम अपने जीवन को पूरी तरह प्रभु को दें, चाहे वह हमें आँसू दे या दुःख, फिर भी हम तैयार रहें।
इस गीत की आत्मा यही है –
👉 हमारा जीवन हमारा नहीं, यह मसीह का है।
👉 इसका उद्देश्य केवल एक है – परमेश्वर की महिमा करना।
***********
📖 For more Telugu and multilingual Christian content, visit: Christ Lyrics and More

0 Comments