तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा Christian Song Lyrics
Song Credits:
Lyrics, Story & Executive Producer : Bro. Mohan C Lazarus
Singer: Smiruthi
Music arrangement,programming, Mix & Master by: Augustine Ponseelan R
Flute: Kiran
Sitar: Robert
Rhythm Programming : Davidson Raja
Intro RR Music & FX: AR Frank
Lyrics:
तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा (4)
यीशु मेरा, हल्लेलुयाह (4)
मेरे सुख में तू है
दुःख में भी तू है (2)
हर घड़ी प्रभु मेरे संग तू है (2)
तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा (2)
प्यार मेरा तू है
आशा मेरी तू है (2)
मेरी हर सांस में प्रभु तू है (2)
तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा (2)
इस लोक में तू है
स्वर्गलोक में तू है (2)
मेरे हर पल में प्रभु तू है (2)
तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा (4)
यीशु मेरा, हल्लेलुयाह (4)
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Full Video Song On Youtube:
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👉The divine message in this song👈
*“तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा”* – यह गीत एक गहरे आत्मिक और व्यक्तिगत संबंध की अभिव्यक्ति है, जो एक विश्वासी का अपने प्रभु यीशु मसीह के साथ होता है। इस हिंदी क्रिश्चियन भजन में एक भक्त की आत्मा से निकली पुकार और परमेश्वर के प्रति उसकी समर्पित आराधना झलकती है।
*1. गीत का केंद्रीय भाव: प्रभु यीशु ही मेरे सब कुछ हैं*
गीत की मुख्य पंक्ति “तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा” (भजन संहिता 73:25 से प्रेरित) बताती है कि इस संसार में और स्वर्ग में भी यीशु के सिवा मेरा कोई नहीं। यह वचन भजन संहिता 73:25 में इस प्रकार है:
> *“स्वर्ग में मेरे लिए तेरा सिवाय और कौन है? और पृथ्वी पर तुझ से अधिक मेरा मन किस में लगता?”*
यहाँ पर यह स्पष्ट होता है कि एक सच्चे विश्वासी के लिए परमेश्वर ही जीवन का उद्देश्य, केंद्र और सर्वश्रेष्ठ संबंध हैं। गीतकार ने इस सत्य को बार-बार दोहराकर इसे गहराई से हृदय में बैठा दिया है।
*2. प्रभु हर परिस्थिति में हमारे साथ हैं*
गीत की दूसरी पंक्ति –
*“मेरे सुख में तू है, दुःख में भी तू है”*
याद दिलाती है कि परमेश्वर सिर्फ हमारे अच्छे समय का साथी नहीं, बल्कि वह दुःख और संकट में भी हमारा साथ नहीं छोड़ता।
*भजन संहिता 23:4* कहती है:
> *“चाहे मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ है।”*
यह विश्वास एक मसीही जीवन की नींव है – जब हम चलते हैं तो वह हमें थामता है, जब गिरते हैं तो उठाता है, जब टूटते हैं तो संभालता है।
*3. यीशु हमारा प्रेम और आशा हैं*
गीत कहता है:
*“प्यार मेरा तू है, आशा मेरी तू है”*
यह भाव 1 कुरिन्थियों 13:13 के वचन की याद दिलाता है:
> “और अब विश्वास, आशा और प्रेम ये तीनों रहते हैं; परन्तु इन में से बड़ा प्रेम है।”
यीशु मसीह प्रेम का सर्वोच्च उदाहरण हैं। उन्होंने हमें शुद्ध और नि:स्वार्थ प्रेम किया, यहाँ तक कि क्रूस पर अपने प्राण तक दे दिए (यूहन्ना 15:13)। और वे हमारी आशा हैं – केवल इस जीवन के लिए नहीं, अनंत जीवन के लिए भी।
*कुलुस्सियों 1:27* में लिखा है:
> *“मसीह तुम में है, जो महिमा की आशा है।”*
*4. मेरी हर सांस में प्रभु तू है*
जब गीतकार कहते हैं:
*“मेरी हर सांस में प्रभु तू है”*
यह दर्शाता है कि यीशु हमारे जीवन का श्वास हैं। उनके बिना हम कुछ नहीं।
**प्रेरितों के काम 17:28** में लिखा है:
> *“उसी में हम जीवित हैं, चलते फिरते हैं और हैं।”*
जब हम सांस लेते हैं, वह उसकी कृपा है। जब हम चल पाते हैं, बोल पाते हैं, जी पाते हैं – सब उसी की महिमा है।
*5. परमेश्वर सर्वत्र विद्यमान हैं*
गीत का अंतिम भाग है:
*“इस लोक में तू है, स्वर्गलोक में तू है”*
यह प्रभु की सर्वव्यापकता (omnipresence) का उद्घोष करता है।
*भजन संहिता 139:7–8*:
> *“मैं तेरी आत्मा से कहां जाऊं? तेरे सामने से कहां भागूं? यदि मैं स्वर्ग में चढ़ जाऊं, तो तू वहां है; यदि मैं अधोलोक में बिछाऊं, तो तू वहां भी है।”*
हम चाहे कहीं भी जाएं, परमेश्वर से छिप नहीं सकते। वह हमारे साथ है – घर में, जंगल में, समुद्र में, पर्वतों पर, भीड़ में या अकेलेपन में।
*6. व्यक्तिगत संबोधन: यीशु मेरा, हल्लेलुयाह!*
गीत में बार-बार कहा गया:
*“यीशु मेरा, हल्लेलुयाह”*
यह एक व्यक्तिगत संबंध को दर्शाता है – केवल “यीशु मसीह” नहीं, बल्कि “मेरा यीशु”।
जैसे प्रेरित पॉल ने कहा:
> *“अब जो जीवन मैं शरीर में जीता हूं, वह परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करके जीता हूं, जिसने मुझ से प्रेम किया और अपने आप को मेरे लिये दे दिया।” – गलातियों 2:20*
इसका अर्थ है कि यीशु सिर्फ सैद्धांतिक या ऐतिहासिक व्यक्ति नहीं, बल्कि जीवित और मेरे हृदय में वास करने वाले प्रभु हैं।
*निष्कर्ष: यीशु ही मेरे जीवन का सार हैं*
*“तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा”* केवल एक गीत नहीं, एक मसीही विश्वासी का जीवनमंत्र है। यीशु ही मेरा सहारा, शक्ति, प्रेम, आशा, सांस और शरण हैं। इस गीत के माध्यम से हमें यह स्मरण होता है कि हम किसी सामान्य व्यक्ति पर नहीं, बल्कि जीवित परमेश्वर यीशु पर भरोसा करते हैं, जो न केवल स्वर्ग और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता है, बल्कि हमारी आत्मा का प्रियतम भी है।
“हे प्रभु यीशु, तेरे सिवा मेरा और कोई नहीं है। मेरी हर सांस, मेरी हर आशा, हर परिस्थिति में तू ही मेरे साथ रह। तुझ पर ही मेरा विश्वास है। आमीन।”
✨ गीत का सार:
"तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा" एक अत्यंत आत्मीय और परमेश्वर के प्रति समर्पण दर्शाने वाला हिंदी क्रिश्चियन गीत है। यह गीत किसी भी मसीही विश्वासी के हृदय की पुकार बन जाता है जो अपने जीवन में येशु को ही सर्वस्व मानता है। इस गीत में येशु के साथ के भाव को, उसकी निकटता को और उसके प्रति सच्चे प्रेम और आभार को दर्शाया गया है।
📖 बाइबिल आधारित संदेश:
1. *“तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा”* – कुल मिलाकर यही गीत का हृदय है।
यह पंक्ति भजन संहिता 73:25 से ली गई लगती है:
> *“स्वर्ग में मेरे लिये तेरा सिवाय और कोई नहीं है, और पृथ्वी पर भी तुझ से अधिक मेरे मन को और कुछ नहीं भाता।”*
> *(भजन संहिता 73:25)*
यह वचन बताता है कि जब कोई व्यक्ति परमेश्वर के साथ चलने लगता है, तब धीरे-धीरे संसार की चीज़ें उसके लिए महत्व खो देती हैं। परमेश्वर ही उसका एकमात्र सहारा और खज़ाना बन जाता है।
2. *“मेरे सुख में तू है, दुःख में भी तू है”*
येशु मसीह केवल हमारे अच्छे समय का साथी नहीं है, बल्कि जब हम दुःख में होते हैं, तब भी वह हमारे साथ चलता है।
> *“देख, मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूँ।”*
> *(मत्ती 28:20)*
यह वचन इस बात की पुष्टि करता है कि प्रभु येशु अपने चुने हुए लोगों को कभी नहीं छोड़ते, चाहे जीवन में कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न आए।
3. *“हर घड़ी प्रभु मेरे संग तू है”*
प्रभु का साथ केवल मंदिर या प्रार्थना के समय नहीं होता, वह हर पल हमारे साथ है:
> *“क्योंकि वह आप ही ने कहा है, ‘मैं तुझे कभी न छोड़ूंगा और न कभी त्यागूंगा।’”*
> *(इब्रानियों 13:5)*
इसलिए एक सच्चा मसीही विश्वासी कभी अकेला महसूस नहीं करता, क्योंकि उसे पता है कि येशु उसके साथ है।
4. *“प्यार मेरा तू है, आशा मेरी तू है”*
येशु मसीह केवल हमारा उद्धारकर्ता ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन की *प्रेम* और *आशा* भी वही है।
> *“हम ने उस से प्रेम करना सीखा, क्योंकि उसने हम से पहले प्रेम किया।”*
> *(1 यूहन्ना 4:19)*
> *“और यह आशा हमें लज्जित नहीं करती, क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में उंडेला गया है।”*
> *(रोमियों 5:5)*
यह प्रेम और आशा हमें जीवन की कठिन घड़ियों में संबल प्रदान करती है।
5. *“मेरी हर सांस में प्रभु तू है”*
यहाँ पर गीत गायक अपने सम्पूर्ण जीवन के लिए येशु को समर्पित करता है। यह भाव उस मनुष्य का होता है जिसने यह जान लिया है कि उसका जीवन प्रभु का है।
> *“जो जीवन मैं अब शरीर में जीता हूं, उसे मैं परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करके जीता हूं, जिसने मुझ से प्रेम किया और अपने आप को मेरे लिए दे दिया।”*
> *(गलातियों 2:20)*
6. *“इस लोक में तू है, स्वर्गलोक में तू है”*
यह पंक्तियाँ हमें यह याद दिलाती हैं कि येशु का राज्य केवल इस पृथ्वी तक सीमित नहीं है, वह *स्वर्ग और पृथ्वी दोनों का राजा* है।
> *“स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।”*
> *(मत्ती 28:18)*
> *“जैसे स्वर्ग में, वैसे ही पृथ्वी पर भी तेरी इच्छा पूरी हो।”*
> *(मत्ती 6:10)*
इसलिए, हम केवल इस पृथ्वी पर ही नहीं, स्वर्ग में भी येशु की आराधना करेंगे।
🙏 गीत की आत्मिक प्रेरणा:
इस गीत में एक भक्त का सम्पूर्ण समर्पण, उसका प्रेम, आभार और विश्वास झलकता है। यह गीत हमें भी आमंत्रण देता है कि हम येशु को अपने जीवन में सर्वोच्च स्थान दें। हम भी कह सकें कि:
> “यीशु मेरा, हल्लेलुयाह!”
📝 निष्कर्ष:
"तेरे सिवा यहां पे कौन मेरा" केवल एक गीत नहीं बल्कि एक साक्षी है — उन सबका जो अपने जीवन में प्रभु येशु को सबसे ऊपर रखते हैं। यह गीत हमें येशु के साथ निरंतर संगति की ओर ले जाता है, यह सिखाता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमारा सहारा, हमारी आशा, हमारा प्रेम – सब कुछ येशु ही है।
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