என்ன சொல்லி நன்றி சொல்வேன் Christian Song Lyrics
Song Credits:
Lyrics And Tune: V. Sam David Raj
Featuring: Janiffer David Raj
Music : Evg. Stephen
Mix And Mastering: Dr. John Rahul
Lyrics:
என்ன சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
எதை சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
ஒன்றல்ல இரண்டல்ல தேவனின் நன்மைகள்
எத்தனை எத்தனை கணக்கில் இல்லை
நன்றி சொல்ல நாவுகள் இல்லை
பதில் செய்திடவும் திராணியும் இல்லை
Stanza 1
உலகம் தோன்றும் முன்னே முன்குறித்தீர் அதை சொல்லவா
தாயின் வயிற்றில் பாதுகாத்தீர் அதைசொல்லவா
பிறந்த நாள் முதல் இந்த நாள் வரை
ஆதரித்தீரே அதை சொல்லவா
நன்றி சொல்ல நாவுகள் இல்லை
பதில் செய்திடவும் திராணியும் இல்லை
என்ன சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
எதை சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
Stanza 2
துக்கத்தில் அழியாமல் துணை நின்றீர் அதை சொல்லவா
துன்பத்தில் சோர்ந்திடாமல் கூட நின்றீர் அதை சொல்லவா
வியாதி நேரத்தில் சுகம் தந்து வாழ வைத்தீர் அதை சொல்லவா
நன்றி சொல்ல நாவுகள் இல்லை
பதில் செய்திடவும் திராணியும் இல்லை
என்ன சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
எதை சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
Stanza 3
தனிமை நேரத்தில் துணையானீர் அதை சொல்லவா
ஜெபத்தின் நேரத்தில் பதிலானீர் அதை சொல்லவா
கைவிட்ட நேரத்தில் இம்மட்டும் எனக்கு கைகொடுத்தீரே அதை சொல்லவா
நன்றி சொல்ல நாவுகள் இல்லை
பதில் செய்திடவும் திராணியும் இல்லை
என்ன சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
எதை சொல்லி நன்றி சொல்வேன்
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Full Video Song On Youtube:
📌(Disclaimer):
All rights to lyrics, compositions, tunes, vocals, and recordings shared on this website belong to their original copyright holders.
This blog exists solely for spiritual enrichment, worship reference, and non-commercial use.
No copyright infringement is intended. If any content owner wishes to request removal, kindly contact us, and we will act accordingly.
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👉The divine message in this song👈
**गीत का सार:**
"**पहचान**" एक भावनात्मक और आत्म-खोज पर आधारित हिंदी मसीही गीत है जिसे **Rubina BK** और **Rajat BK** ने गाया है। यह गीत न केवल किसी की व्यक्तिगत यात्रा को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि कैसे येशु मसीह में हमारी पहचान दृढ़ होती है। गीत हमें यह स्मरण कराता है कि संसार हमें चाहे जो भी कहे या दिखाए, हमारी सच्ची पहचान **परमेश्वर की दृष्टि** से है, जो हमें अपने ही स्वरूप में रचता है और उद्धार देता है।
गीत की पहली पंक्ति कहती है:
> *"अपने आप को पहचान न सकी, पर तूने पहचान लिया..."*
यह अनुभव बहुत से लोगों को होता है—जब वे अपने जीवन में संघर्ष, अस्वीकृति, या अज्ञानता के कारण अपने **स्व-तत्व** को खो देते हैं। परन्तु परमेश्वर हमें देखता है, पहचानता है, और स्वीकार करता है।
📖 **यशायाह 43:1** कहता है:
> “मैंने तुझे तेरे नाम से बुलाया है; तू मेरा है।”
यह वचन इस बात को पुष्ट करता है कि चाहे हम स्वयं को न समझ पाएं, परमेश्वर हम में अपनी छवि को देखता है।
🌟 **मसीह में जीवन की नई पहचान**
> *"तुझसे ही है शुरू, तुझ पर ही आके रुकूं..."*
यह पंक्ति बताती है कि **येशु** ही हमारे जीवन की **शुरुआत और अंत** हैं।
📖 **प्रकाशितवाक्य 22:13** में येशु कहते हैं:
> “मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ, प्रथम और अंतिम हूँ।”
यह गीत गवाही देता है कि मसीह के बिना जीवन अधूरा है—हमारी यात्रा उसी से शुरू होती है और उसी में विश्राम पाती है।
❤️ **मूल्य और उद्देश्य**
> *"क्या अहमियत मेरी, जब तू न हो कभी?"*
> *"तेरी उत्कृष्ट कारीगरी, कहा तूने..."*
यहाँ गायक अपने अस्तित्व के उद्देश्य और मूल्य को लेकर सवाल करता है। लेकिन उत्तर भी परमेश्वर ही देता है:
📖 **भजन संहिता 139:14** में दाऊद कहता है:
> “मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि मैं भयानक और अद्भुत रीति से बना हूँ।”
परमेश्वर की दृष्टि में हम महंगे हैं, क्योंकि उसने हमें अपने **स्वरूप में रचा**, और हमारे उद्धार के लिए अपनी **कीमती कीमत** – येशु का लहू – चुकाया।
🔥 **चुने हुए और प्रेम के द्वारा स्वीकृत**
> *"जिसे मैंने है रचाया, जिसे खुद ही मैंने चुना..."*
यह वाक्य **परमेश्वर की संप्रभुता** और **व्यक्तिगत प्रेम** को दर्शाता है।
📖 **1 पतरस 2:9** कहता है:
> “पर तुम चुनी हुई वंश, राजकीय याजक समाज, पवित्र जाति, उसकी निज प्रजा हो...”
हम परमेश्वर के लिए अनमोल हैं क्योंकि उसने हमें चुना, बिना किसी योग्यता के।
✝️ **क्रूस का बलिदान – कीमत और पहचान**
> *"तेरी कीमत चुकाई है, तेरी अहमियत बढ़ गई..."*
यह पंक्ति स्पष्ट रूप से येशु मसीह के क्रूस के बलिदान की ओर इशारा करती है।
📖 **1 कुरिन्थियों 6:20** कहता है:
> “क्योंकि तुम मूल्य चुकाकर मोल लिए गए हो।”
इसलिए हमारी कीमत दुनिया के मानदंड से नहीं, बल्कि क्रूस पर बहाए गए लहू से तय होती है।
🌄 **पुनः पहचान और स्वतंत्रता**
> *"अब मैं अपने आप को पहचान रही हूं..."*
यह गीत का सबसे शक्तिशाली मोड़ है—जब एक खोई हुई आत्मा अब येशु मसीह में अपनी पहचान, स्वतंत्रता और उद्देश्य को पाती है।
📖 **2 कुरिन्थियों 5:17**:
> “यदि कोई मसीह में है, तो वह नया सृजन है: पुरानी बातें बीत गई हैं, देखो, सब कुछ नया हो गया है।”
इसमें एक **आध्यात्मिक पुनरुत्थान** की झलक मिलती है—पुराने पाप, दुःख, असुरक्षा पीछे रह जाते हैं, और अब वह आत्मा जानती है कि वह **येशु की है**।
🙏 **निष्कर्ष: "तू है तो सब है"**
**"Pehchan"** केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक आत्मा की यात्रा है:
* जो स्वयं को खो बैठी थी
* जिसने येशु में शरण ली
* जिसने अपने मूल्य को पहचाना
* और अब आत्मविश्वास के साथ जीवन जी रही है
इस गीत के माध्यम से श्रोताओं को यह सीख मिलती है कि मसीह में हम **प्यारे हैं, चुने हुए हैं और उद्देश्यपूर्ण हैं**।
बिलकुल! आइए हम **"Pehchan / पहचान"** गीत की व्याख्या को और विस्तार में आगे बढ़ाएं, ताकि यह 800+ शब्दों की समृद्ध और आत्मिक व्याख्या बने, जिसे आप अपने ब्लॉग **Christ Lyrics and More** पर उपयोग कर सकें।
🔄 **आत्मिक परिवर्तन की यात्रा**
गीत में एक आत्मा की **आत्मिक यात्रा** स्पष्ट रूप से झलकती है — जहां वह पहले **स्वयं को नहीं पहचान पाई**, लेकिन मसीह में उसे न केवल उसका **असली रूप** मिला, बल्कि **उद्देश्य, सुरक्षा और प्रेम** भी मिला।
गीत के अंत में लिखा है:
> *"बदल दिया तूने, मेरे बीते कल को, है पता अब मुझे कि मैं तेरी हूं येशुआ..."*
यह एक संपूर्ण परिवर्तन का चित्र है। **बीते हुए कल** की पीड़ा, गलती, और पहचान का संघर्ष अब **उम्मीद, क्षमा और स्थिरता** में बदल गया है।
📖 **यिर्मयाह 29:11** में परमेश्वर कहते हैं:
> "मैं तुम्हारे विषय जो कल्पनाएं करता हूं, उन्हें मैं जानता हूं — वह हानि की नहीं, वरन भलाई की हैं, ताकि तुम्हें भविष्य और आशा प्रदान करूं।"
यही वह सच्चाई है जो इस गीत में प्रतिबिंबित होती है — मसीह में हमारा भविष्य **उज्ज्वल और निश्चित** है।
🎨 **उत्कृष्ट कारीगरी – एक व्यक्तिगत आश्वासन**
गीत का मध्यम भाग "तेरी उत्कृष्ट कारीगरी..." गहरे व्यक्तिगत स्तर पर आश्वासन देता है।
> *"तेरी उत्कृष्ट कारीगरी, कहा तूने
> मेरी उत्कृष्ट कारीगरी, कहा तूने"*
यहाँ दो बातें होती हैं:
1. परमेश्वर ने हमें **मन से और उद्देश्य से रचा** है।
2. परमेश्वर ने हमें स्वयं कहा कि "तू मेरी उत्कृष्ट कारीगरी है।"
📖 **इफिसियों 2:10**:
> "क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिए सृजे गए हैं जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ठहराया कि हम उन में चलें।"
परमेश्वर की दृष्टि में हम सिर्फ एक नाम नहीं हैं — हम उसकी **शिल्पकला** हैं।
🛐 **प्यारे पाठकों के लिए संदेश**
यदि आप कभी आत्म-संदेह, जीवन के उद्देश्य की खोज, या पहचान के संघर्ष से जूझ रहे हैं — तो यह गीत और इसका संदेश आपके लिए है।
येशु आपको वैसे ही पहचानते हैं जैसे आप हैं — बिना मुखौटे, बिना शर्तों के।
👉 *“You are fully known and deeply loved in Christ.”*
यह गीत हमें प्रेरित करता है कि हम:
* अपने दोषों को स्वीकार करें
* मसीह में अपनी पहचान को पाएँ
* और विश्वास करें कि वह हमारे अतीत को भविष्य की आशा में बदल सकते हैं
✝️ **अंतिम निष्कर्ष: क्यों यह गीत महत्वपूर्ण है**
"**Pehchan**" केवल एक सुंदर धुन नहीं, बल्कि यह **प्रत्येक सुनने वाले को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करता है**।
यह गीत उस महान सच्चाई को दर्शाता है कि जब संसार हमें अस्वीकार करे या जब हम खुद से भ्रमित हों, **येशु हमें पहचानते हैं**, और वह पहचान **हमारी स्थायी आत्मा की पहचान** बन जाती है।
🎤 *"अब मुझे पता है कि मैं तेरी हूं, येशुआ!"* — यह गीत का सबसे शक्तिशाली सत्य है।
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