Dhanyawad Ke Saath Hindi Christian Song Lyrics
Credits:
Vocal - Shirin George
Malayalam to Hindi Translation: Pastor Wilson George
Music Producer - Daniel George
Malayalam Lyrics & Music: P.G. Abraham Padinjarethalackal
Lyrics:
Chorus:
धन्यवाद के साथ स्तुति गाऊँगा
हे यीशु मेरे खुदा
उपकार तेरे हैं बेशुमार
कोटि कोटि स्तुति धन्यवाद
Verse 1:
योग्यता से बढ़ के दिया है
अपनी दया से तूने मुझे
माँगने से ज़्यादा मिला मुझे
आभारी हूँ प्रभु मैं
Verse2:
तू है सच्चा ज़िन्दा खुदा
तुझ पर ही भरोसा मेरा
सेवा पूरी करके पाऊँ इनाम
प्रभु ऐसा दो वरदान
Chorus:
Dhanyawad ke saath stuti gaoonga
Hey yeeshu mere Khuda
Upkaar tere hain beshumaar
Koti koti stuti dhanyawad
Verse 1:
Yogyata se badke diya hai
Apni daya se tune mujhe
Mangne se zyaada mila mujhe
Aabhaari hun prabhu mai
Verse 2:
Tu hai sacha zinda khuda
Tujh par hi bharosa mera
Seva poori karke paoon inaam
Prabhu aisa do vardaan
++++ ++++ ++
Full Video Song On Youtube:
👉The divine message in this song👈
हर मसीही जीवन की नींव **कृतज्ञता (Thankfulness)** पर टिकी होती है। जब एक विश्वासी यह स्वीकार करता है कि हर आशीष, हर सांस, और हर सफलता केवल **परमेश्वर की दया** से मिली है — तब उसके जीवन की आराधना सच्ची बनती है। यही भावना हमें **“धन्यवाद के साथ”** नामक इस सुंदर हिंदी आराधना गीत में देखने को मिलती है।
इस गीत को मधुर स्वर में गाया है **Shirin George** ने, संगीत दिया है **Daniel George** ने, और इसके हिंदी अनुवाद को तैयार किया है **Pastor Wilson George** ने। यह गीत मूल रूप से मलयालम से हिंदी में अनुवादित है, लेकिन इसके हर शब्द में बाइबल का जीवंत सत्य झलकता है।
🌺 **“धन्यवाद के साथ स्तुति गाऊँगा, हे यीशु मेरे खुदा” — आराधना का मूल स्वरूप**
गीत का आरंभ कृतज्ञता के भाव से होता है —
> “धन्यवाद के साथ स्तुति गाऊँगा, हे यीशु मेरे खुदा।”
यह पंक्ति हमें **भजन संहिता 100:4** की याद दिलाती है:
> “उसके फाटकों में धन्यवाद के गीत गाते हुए, और उसके आँगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो।”
मसीही जीवन का सार यही है कि हम अपने परमेश्वर की उपस्थिति में धन्यवाद के साथ प्रवेश करें।
यह गीत हमें सिखाता है कि **स्तुति** केवल शब्दों का उच्चारण नहीं, बल्कि एक हृदय की अभिव्यक्ति है जो यह मानता है कि सब कुछ प्रभु से मिला है। जब हम धन्यवाद के साथ गाते हैं, तब हमारी आराधना केवल संगीत नहीं रहती — वह आत्मा की भाषा बन जाती है।
🌼 **“उपकार तेरे हैं बेशुमार” — परमेश्वर की अनगिनत आशीषें**
यह पंक्ति एक गहरी सच्चाई को उजागर करती है — कि प्रभु के **उपकारों की गिनती असंभव है**।
भजन संहिता 103:2 में लिखा है:
> “हे मेरे प्राण, यहोवा को धन्य कह, और उसके सब उपकारों को मत भूल।”
कई बार हम जीवन में कठिनाइयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, परंतु यह गीत हमें स्मरण कराता है कि हमारे जीवन में जितनी भी भलाई हुई है, वह प्रभु के **अनुग्रह** से हुई है।
उसकी दया ने हमें गिरने से बचाया, उसकी कृपा ने हमें संभाला, और उसकी आत्मा ने हमें जीवन के हर अंधकार से बाहर निकाला।
जब गीत में कहा जाता है “**कोटि कोटि स्तुति धन्यवाद**”, तो यह केवल पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि **कृतज्ञता का बढ़ता हुआ स्तर** है — ऐसा मानो हर सांस एक नया धन्यवाद बन जाए।
🌻 **“योग्यता से बढ़ के दिया है” — अनुग्रह का रहस्य**
यह पंक्ति बाइबल की केंद्रीय सच्चाई को उजागर करती है:
हम जो कुछ भी पाते हैं, वह हमारी **योग्यता** से नहीं, बल्कि **कृपा (Grace)** से मिलता है।
इफिसियों 2:8-9 हमें याद दिलाता है:
> “क्योंकि तुम अनुग्रह से विश्वास के द्वारा उद्धार पाए हो, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन् परमेश्वर का दान है।”
जब गायक कहता है “**योग्यता से बढ़ के दिया है**”, तो यह एक विनम्र हृदय की गवाही है। परमेश्वर ने हमें केवल आवश्यकताओं से अधिक दिया है — उसने हमें **उद्धार, आत्मिक आशीषें, और नया जीवन** दिया है।
यह गीत हमें यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि हमारे पास जो कुछ भी है — वह किसी पुरस्कार का परिणाम नहीं, बल्कि **यीशु की असीम दया** का परिणाम है।
🌸 **“अपनी दया से तूने मुझे, माँगने से ज़्यादा मिला मुझे” — प्रभु की प्रचुरता**
यह पंक्ति हमें **इफिसियों 3:20** की प्रतिज्ञा की याद दिलाती है:
> “अब जो ऐसा सामर्थी है कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है...”
परमेश्वर केवल हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर ही नहीं देता, बल्कि उससे कहीं अधिक देता है। जब हम अपनी सीमित अपेक्षाओं में जीते हैं, तब प्रभु अपने असीम अनुग्रह से हमें **अप्रत्याशित आशीषें** देता है।
इस गीत का यह भाग हमें यह सिखाता है कि परमेश्वर की भलाई **कभी सीमित नहीं**। जब हम उसके प्रति विश्वासयोग्य रहते हैं, तब वह हमारे जीवन को ऐसे आशीषों से भर देता है जो हमारे विचारों से भी परे होती हैं।
🌿 **“आभारी हूँ प्रभु मैं” — नम्रता की आत्मिक स्थिति**
“आभारी हूँ प्रभु मैं” — यह वाक्य केवल एक भाव नहीं, बल्कि एक जीवन की पहचान है।
कृतज्ञता का अर्थ यह नहीं कि हमारे जीवन में सब कुछ परिपूर्ण है; बल्कि इसका अर्थ यह है कि **हर परिस्थिति में प्रभु भला है।**
1 थिस्सलुनीकियों 5:18 कहता है:
> “हर बात में धन्यवाद करो, क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।”
यह गीत हमें एक ऐसा दृष्टिकोण देता है जिसमें हम हर स्थिति में धन्यवाद करना सीखते हैं — चाहे वह खुशी हो या दुख, सफलता हो या परीक्षा।
🌺 **“तू है सच्चा ज़िन्दा खुदा” — हमारे विश्वास की जड़**
गीत के दूसरे हिस्से में गायक अपने विश्वास की घोषणा करता है —
> “तू है सच्चा ज़िन्दा खुदा।”
यह वाक्य मसीही जीवन का **मुख्य स्तंभ** है। यीशु केवल इतिहास का पात्र नहीं, बल्कि **आज जीवित प्रभु** हैं।
यूहन्ना 14:19 में मसीह ने कहा:
> “मैं जीवित हूँ, और तुम भी जीवित रहोगे।”
इस पंक्ति में गायक अपने व्यक्तिगत अनुभव को व्यक्त करता है। वह यह मानता है कि उसका परमेश्वर जीवित है, कार्यरत है, और आज भी अपने लोगों के जीवन में चमत्कार कर रहा है।
🌼 **“तुझ पर ही भरोसा मेरा” — अडिग विश्वास की घोषणा**
भरोसा मसीही जीवन की आत्मा है। नीतिवचन 3:5 कहता है:
> “तू सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख, और अपनी समझ का सहारा न लेना।”
जब हम अपने जीवन को प्रभु के हाथों में सौंपते हैं, तब हम अनुभव करते हैं कि वही हमारी ढाल, हमारी शरण और हमारी दिशा है।
यह गीत उस विश्वास की पुकार है जो कहता है — चाहे हालात बदल जाएँ, पर मेरा **भरोसा यीशु पर ही स्थिर रहेगा।**
🌻 **“सेवा पूरी करके पाऊँ इनाम” — मसीही जीवन का लक्ष्य**
यह पंक्ति प्रेरित पौलुस के शब्दों की गूँज है, जो 2 तीमुथियुस 4:7-8 में कहता है:
> “मैं अच्छी लड़ाई लड़ चुका हूँ, मैंने अपनी दौड़ पूरी की है... अब मेरे लिये धार्मिकता का मुकुट रखा हुआ है।”
मसीही जीवन केवल विश्वास से प्रारंभ नहीं होता, वह **सेवा में पूर्णता** पाता है।
गीत का यह भाग हमें स्मरण दिलाता है कि प्रभु ने हमें अपने राज्य में कार्य करने के लिए बुलाया है, और जो विश्वासयोग्य रहते हैं, उनके लिए **स्वर्गीय इनाम** रखा गया है।
🌸 **“प्रभु ऐसा दो वरदान” — आत्मिक निवेदन की परिणति**
गीत का समापन एक विनम्र प्रार्थना में होता है —
> “प्रभु ऐसा दो वरदान।”
यह पंक्ति एक आत्मिक विनती है कि प्रभु हमें शक्ति दे कि हम अपने जीवन की सेवा को पूरी निष्ठा से पूरा कर सकें।
यह केवल आशीष मांगने का नहीं, बल्कि **स्थिरता, विश्वास, और समर्पण** मांगने का गीत है।
🌺 **निष्कर्ष — धन्यवाद से भरा जीवन**
गीत “धन्यवाद के साथ” हमें यह सिखाता है कि:
* धन्यवाद **आराधना का द्वार** है।
* प्रभु की दया **हमारी योग्यता से बढ़कर** है।
* विश्वास और सेवा **मसीही जीवन का मार्ग** हैं।
जब हम हर दिन प्रभु के उपकारों को याद करते हैं और धन्यवाद के साथ उसकी स्तुति करते हैं, तब हमारा जीवन सच्ची आराधना बन जाता है।
**✨ “उपकार तेरे हैं बेशुमार, कोटि कोटि स्तुति धन्यवाद” — यही सच्चे मसीही जीवन का सार है। ✨**
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