Hai Yesu Naam / हाय येसु नाम Christian Song Lyrics
Song Credits:
Worshipper: Daim Gill
► Lyrics & Composition: Pastor Arif Bhatti
► Music Production: Aner Pace
► Mix / Mastered: Sunil Inayat
► Flute: Baqir Abbas
► Guitars & Mandolin: Aner Pace
► Tabla: Fazal Abbas
Lyrics:
मेरी हर बात मैं
मेरी हर बिना मैं
मेरी जात मैं
हाय येसु नाम
हाय येसु नाम
येसु नाम
1-
येसु नाम जिंदगी की जड़ें
येसु नाम जिंदगी का पानी
दरिया वफ़ा का बेहता जो
दयता हमीं वो ज़िंदगानी
हाय येसु नाम
येसु नाम
2-
मेरे पापो की बर्बादी
येसु नै सुली उठा ली
गिरते सम्भालते येसु न्य
मौत को मात करा दी
हाय येसु नाम
येसु नाम
English
Meri har baat main
Meri har sans main
Meri zaat main
Hai YESU Naam
Hai YESU Naam
YESU Naam
1-
YESU naam zindigi ki rooti
YESU naam zindigi ka paani
Darya wafa ka behta jo
Dyta humain wo zindgani
Hai YESU Naam
YESU Naam
2-
Mery paapo ky wastay
YESU nay suli utha li
Girtay sambhaltay YESU ny
Maut ko maat kara di
Hai YESU Naam
YESU Naam
Full Video Song On Youtube:
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👉The divine message in this song👈
✝ गीत की आत्मिक व्याख्या: "हाय येसु नाम"
*“हाय येसु नाम”* गीत एक मसीही आराधना गीत है जो प्रभु यीशु के नाम की महिमा, उसकी शक्ति, और उसके प्रेम को भावपूर्ण तरीके से चित्रित करता है। यह गीत न केवल एक संगीत रचना है, बल्कि यह एक जीवित अनुभव का प्रतिबिंब है — उस विश्वास और आभार का जो एक मसीही विश्वासी अपने उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रति रखता है।
🌟 1. प्रभु यीशु का नाम: हर क्षण में उपस्थिति
गीत की शुरुआत होती है:
> *"मेरी हर बात में, मेरी हर बिना में, मेरी जात में — हाय येसु नाम"*
इन पंक्तियों से यह स्पष्ट होता है कि यीशु का नाम केवल एक नाम नहीं है, बल्कि हर उस स्थान, भावना, और विचार में समाया हुआ है जहाँ एक विश्वासी सांस लेता है। "बिना" शब्द प्रार्थना को सूचित करता है — यहाँ यह दर्शाता है कि हर प्रार्थना का केंद्र यीशु ही है। "जात" का अर्थ है जीवन का स्वरूप, पहचान और अस्तित्व।
*बाइबल सन्दर्भ*:
> “और कोई नाम मनुष्यों में नहीं दिया गया जिससे हम उद्धार पाएँ।” — *प्रेरितों के काम 4:12*
यीशु का नाम हर विश्वास के केंद्र में है — वह हमारी पहचान, हमारी सहायता और हमारी आंतरिक आशा का स्रोत है।
🌿 2. यीशु नाम: जीवन की जड़ें और जल
> *"यीशु नाम ज़िंदगी की जड़ें, यीशु नाम ज़िंदगी का पानी"*
इस वाक्यांश में गीतकार हमारे जीवन को एक वृक्ष की तरह देखते हैं जिसकी जड़ें यीशु में गहराई तक हैं। और वह हमें पोषण देने वाला जल भी है। यह *यूहन्ना 15:5* की याद दिलाता है:
> "मैं दाखलता हूँ, तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है और मैं उस में, वह बहुत फल लाता है।”
यीशु ही हमारी आत्मा को पोषित करता है। जब हम उसकी जड़ों से जुड़े रहते हैं, तब ही हम आत्मिक रूप से जीवित रहते हैं। "ज़िंदगी का पानी" का संकेत *यूहन्ना 4:14* में यीशु के उस वचन की ओर है जब उन्होंने कहा:
> “जो जल मैं उसे दूँगा वह अनन्त जीवन के लिए उसके भीतर सोता बन जाएगा।”
💓 3. वफ़ा का दरिया – करुणा का बहाव
> *"दरिया वफ़ा का बहता जो, दयता हमीं वो ज़िंदगानी"*
यीशु की वफ़ादारी और करुणा को "दरिया" के समान बताया गया है — जो बहता है, थमता नहीं, जो हर स्थान को सिंचित करता है। मसीह का प्रेम सशर्त नहीं है। यह एक बहती हुई अनन्त धारा है जो पापियों को ढूंढती है, चंगा करती है और नया जीवन देती है।
यहाँ हम *भजन संहिता 103:8* को याद कर सकते हैं:
> “यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी है, क्रोध करने में धीमा और करुणा में महान।”
✝ 4. पाप की बर्बादी – क्रूस का कार्य
> *"मेरे पापों की बर्बादी, यीशु नै सुली उठा ली"*
यीशु मसीह ने हमारे पापों की सज़ा अपने ऊपर ले ली। यह उद्धार की बुनियाद है। यह वाक्य बताता है कि प्रभु यीशु ने क्रूस पर हमारे लिए क्या किया:
> “जब हम अब भी पापी ही थे, तभी मसीह ने हमारे लिए प्राण दिया।” — *रोमियों 5:8*
यह गीत हमें यीशु की बलिदानमयी मृत्यु की याद दिलाता है — कि वह निर्दोष होकर भी हमारे पापों के लिए क्रूस पर चढ़े।
✋ 5. संभालना और मृत्यु पर जय
> *"गिरते सम्भालते यीशु नै, मौत को मात करा दी"*
यहाँ गीत की आत्मा पराक्रम और विजय में समायी हुई है। यीशु न केवल पाप की सज़ा को उठाते हैं, बल्कि गिरते हुए मनुष्य को संभालते हैं और अंततः मृत्यु को पराजित करते हैं।
यह *1 कुरिन्थियों 15:55-57* में वर्णित है:
> “हे मृत्यु! तेरी जय कहाँ रही?... धन्यवाद परमेश्वर को, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जय देता है।”
🔥 निष्कर्ष: एक आराधक का जीवन
“हाय येसु नाम” गीत किसी साधारण संगीतमय आराधना से कहीं अधिक है। यह गीत उस अनुभव की कहानी है जो एक व्यक्ति को तब होता है जब वह यीशु मसीह से व्यक्तिगत रूप से मिलता है।
प्रभु यीशु का नाम जीवन के हर पहलू में प्रभावशाली है — प्रार्थना में, पहचान में, उद्धार में, और विजय में। यह गीत हमें स्मरण कराता है कि केवल उसी नाम में जीवन है, और केवल वही नाम हमारी आत्मा की प्यास बुझा सकता है।
यदि आप चाहें, मैं इस स्पष्टीकरण का मलयालम, तमिल, तेलुगु या अंग्रेज़ी अनुवाद भी दे सकता हूँ।
स्पष्टीकरण जारी रखते हुए, आइए अब गीत "हाय येसु नाम" के शेष भाग की आत्मिक गहराई और बाइबल आधारित संदर्भों को विस्तार से समझें।
*तीसरा भाग – मेरे पापों की बर्बादी*
*"मेरे पापों की बर्बादी, येसु ने सुली उठा ली"*
यह वाक्य यीशु मसीह के क्रूस बलिदान की महानता को दर्शाता है। "मेरे पापों की बर्बादी" से तात्पर्य है कि हमारे पापों ने हमारे जीवन को तबाह कर दिया था। हम आत्मिक रूप से मृत थे (इफिसियों 2:1 – *“तुम जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे...”*)। लेकिन यीशु ने क्रूस पर मरकर हमारे लिए छुटकारा प्राप्त किया।
*"येसु ने सुली उठा ली"* – यह वाक्य हमें याद दिलाता है कि यीशु ने क्रूस को स्वेच्छा से स्वीकार किया (यूहन्ना 10:18 – *"कोई इसे मुझसे नहीं लेता, पर मैं इसे अपनी इच्छा से देता हूँ।"* )। यह बलिदान हमें यह सिखाता है कि मुक्ति किसी भी धार्मिक कर्म से नहीं, केवल मसीह के अनुग्रह से मिलती है।
*चौथा भाग – गिरते सम्भालते येसु ने*
*"गिरते सम्भालते येसु ने"*
यह वाक्य उस ईश्वरीय करुणा को चित्रित करता है जिसमें यीशु हमें हर बार उठाते हैं जब हम जीवन में गिरते हैं। जब हम पाप में गिरते हैं, जब हम कमजोर होते हैं, वह हमें थामते हैं। भजन संहिता 145:14 कहती है – *“यहोवा सब गिरनेवालों को संभालता है, और सब दबे हुओं को उठाता है।”*
यीशु सिर्फ हमें क्षमा नहीं करते, बल्कि हमें नया जीवन और नई आशा देते हैं।
*पाँचवाँ भाग – मौत को मात करा दी*
"मौत को मात करा दी"
यह पंक्ति मसीह के पुनरुत्थान की महिमा को गाती है। यीशु केवल मरे नहीं – **वह तीसरे दिन जी उठे** (1 कुरिंथियों 15:4)। उनके पुनरुत्थान ने **मौत की शक्ति को पराजित किया**। 1 कुरिंथियों 15:55-57 में प्रेरित पौलुस कहता है:
> “हे मृत्यु, तेरी जीत कहाँ रही? ...परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जय देता है।”
इस गीत में यही सन्देश प्रतिध्वनित होता है – यीशु मसीह ने हमारे लिए मौत को हराया ताकि हम अनन्त जीवन पा सकें।
*"हाय येसु नाम – येसु नाम" का अर्थ*
गीत के हर अंतरे के बाद यह दोहराया गया रिफ्रेन — “हाय येसु नाम” — एक आह्वान, एक स्तुति और एक प्रेम की अभिव्यक्ति है। यह सिर्फ नाम नहीं, एक अनुभव है। "येसु नाम" का उच्चारण करते ही विश्वासियों के मन में एक गहराई से जुड़ी हुई शांति, आशा और सामर्थ्य उत्पन्न होती है।
प्रेरितों के काम 4:12 कहता है –
> “और किसी और के द्वारा उद्धार नहीं है, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों को दिया गया और कोई दूसरा नाम नहीं है, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।”
*निष्कर्ष:*
*"हाय येसु नाम"* सिर्फ एक भजन नहीं है — यह एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह गीत उस आत्मिक यथार्थ को प्रकट करता है कि यीशु मसीह ही जीवन का मूल हैं:
* वे ही हैं जो हमें अंधकार से प्रकाश में लाते हैं।
* वे ही हैं जो हमें पाप से क्षमा दिलाकर, नया जीवन प्रदान करते हैं।
* वे ही हैं जिन्होंने क्रूस पर मृत्यु को जीत लिया।
यह गीत हमें याद दिलाता है कि जीवन में कोई भी परिस्थिति क्यों न हो – अगर हमारे होंठों पर "येसु का नाम" है, तो हमारे पास आशा है, जीवन है, और अनन्तता की ओर एक मार्ग है।
*जय हो यीशु नाम की!* 🙏
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